आंशु दर्द और मुश्कान
आँखो मे आंशु की एक दरिया तो है
पर पलकों पे एक बूँद भी आती नहीं..(1)
दिल गम से भरा तो है
दर्द मे वो हर पल भले ही है
पर चहेरे पे ख़ुसी की कोई कमी नहीं..(2)
होठों पे मुस्कान लिए इसीलिए है मेरे दोस्त
क्यों की इतनी भीड़ मे
हम समझते हैं
की हमें समझ ने वाला कोई नहीं..(3)
पर पलकों पे एक बूँद भी आती नहीं..(1)
दिल गम से भरा तो है
दर्द मे वो हर पल भले ही है
पर चहेरे पे ख़ुसी की कोई कमी नहीं..(2)
होठों पे मुस्कान लिए इसीलिए है मेरे दोस्त
क्यों की इतनी भीड़ मे
हम समझते हैं
की हमें समझ ने वाला कोई नहीं..(3)
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