शोर और मेरी खामोशी

गहेरें समुंदर की गहेरएओ ने हमें डूबा के रखा
बेरोक ल़हेरॉन की बेरूख़ी आहट ने हमें चुप रखा..(1)

मचलती हुए इन ज्वारभत्ता के साथ कभी उपर तो कभी नीचे होता चला गया
किनारे तक पहंच ने की कोशिश मे
जाने कितनो से खुद को किनारा करता गया..(2)

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