After listening to the sweet verse on Madhya Pradesh tourism (sau tarah ke rang ,mp malang hai)..there splurged out a tidal wave of emotion on thinking of my homeland Odisha and its scenic beauty...And as a result i jotted down these lines for her with same rhythmic notes as it was in MP tourism ad.

  • हट हट के है ये कलिंगगाथा   
  • वीरों का है ये महाकथा
  • असोका का ये बानी कहे    
  • गुंफाओं में जिसकी कीर्ति बहे
  • सांति का ये तपोबन केह लाये  
  • अतिथि यहाँ देवो के भाति पूजा पाये
  • संस्कृति जिसका धरोहर  
  • कला जहाँ कि मन भाये
  • सूर्य जहाँ पे पहले उगे   
  • कोणार्क में ही आके जागे
  • हे ये कहलाता जगन्नाथ कि भूमि   
  • जिसमे समायी हे ये पूरा सृस्टि 
  • यहाँ समुन्दर नीला आसमान को चूमे  
  • धार्मिक जो यहाँ इसकी मिटटी धारे
  • कल कल जिसका धार बहे   
  • नदी वोह यहाँ महानदी केह लाये
  • जंगल यहाँ प्रकृति को उतारे   
  • देखनो को जिसे ऑंखें तरसे
  • पहाड़ों में यहाँ ज़िंदगी बसे  
  • प्राचीन सभ्यता का ये राग सुनाये
  • चारो धामो से एक धाम  
  • ओडिशा का हे ये ऐसा नाम    
  • यहाँ सुंदरता दिल में छाये  
  • आके यहाँ सभी आनंद पाये......   

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